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  • जैन तीर्थ नैनागिरी, तह. बक्सवाहा, जिला छतरपुर
  • 06 Feb 2025

नैनागिरि में शनिवार से शुरू होंगे त्रिदिवसीय मंगल कार्यक्रम

बकस्वाहा । -  तहसील /विकासखण्ड बकस्वाहा क्षेत्रांतर्गत देश का सुबिख्यात श्री दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र (रेशंदीगिरि) नैनागिरि में तदाकार पारसनाथ और चतुर्मुखी पारसनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक, पारस समवशरण मंदिर का 38वां प्रतिष्ठा समारोह , मुनि आदि सागर जी महाराज का 70वां दीक्षा दिवस, नैनागिरि श्रमण दीक्षा अमृत महोत्सव एवं सम्मान समारोह के साथ त्रिदिवसीय मंगल कार्यक्रम शनिवार 8 फरवरी से सोमवार 10 फरवरी 2025 तक आयोजित किए जा रहे हैं।
        
नैनागिरि पूजा की 44085वी आवृति में शामिल होंगे श्रध्दालु

जैन तीर्थ नैनागिरि ट्रस्ट कमेटी के मंत्री राजेश रागी व प्रचार मंत्री सुरेश सिंघई सुनवाहा ने बताया कि 8 फरवरी शनिवार के प्रातः 8:00 बजे पर्वत पर चौबीसी में तदाकार पारसनाथ की प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक , शांतिधारा तथा 9 बजे नैनागिरि पूजा की 44085वी आवृत्ति (30 मई 1904 - 8 फरवरी 2025 )  श्रध्दा व भक्तिभाव से की जावेगी । अपरान्ह 4 बजे श्रुत मंदिर जी में विराजमान श्रुत स्कंध के समक्ष णमोकार महामंत्र का पाठ तथा सायं 7 बजे महाआरती, भक्तामर पाठ संगीतमय किया जावेगा।

मुनि आदिसागर का दीक्षा दिवस एवं समवशरण का 38वां प्रतिष्ठा एवं सम्मान समारोह

     9 फरवरी रविवार के प्रातः 8:00 बजे पर्वत पर पारसनाथ का महामस्तकाभिषेक एवं संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ के मंगल सान्निध्य में महावीर सरोवर के भव्य पारस समवशरण जिनालय का हुए प्रतिष्ठा का 38वां प्रतिष्ठा (1987 - 2025 ) समारोह  अंतर्गत समवशरण मंदिर मे प्रमुख पीठिका पर विराजमान पारसनाथ की चारों विशाल प्रतिमाओं का महामस्तकाभिषेक मूर्तियों की स्थापना कराने बाले वर्तमान परिजन प्रतिनिधि तथा इंद्रो द्वारा किया जावेगा तथा अपरान्ह 1 बजे प्रबंध समिति की विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित मीटिंग उपरांत 2 बजे से नैनागिरि श्रमण दीक्षा अमृत महोत्सव अंतर्गत वर्ष 1950 से 2025 की 75 वर्षों की अवधि में नैनागिरि में दीक्षित साधु परिवारों तथा नैनागिरि से संबद्ध परिवारों से दीक्षित साधु परिवारों के वर्तमान प्रतिनिधियों का अमृत सम्मान समारोह तथा नैनागिरि में गत शताब्दि में सर्वप्रथम दीक्षित मुनवर आदिसागर - क्षुल्लक क्षेमसागर (श्री खुमान ब्या, बम्हौरी तहसील बकस्वाहा जिला छतरपुर मप्र) का 70वां मुनि दीक्षा समारोह प्रो. सुबोध कुमार - कल्पना जैन की अध्यक्षता तथा श्रीमती सविता - सुरेश जैन व उनके सुपुत्र अभिषेक नीदरलैंड तथा अतिशय अहमदाबाद, श्री मति साधना - दिनेश कुमार जैन व उनके सुपुत्र दीपेश जैन बम्हौरी के मुख्य आतिथ्य मे आयोजित किया जाएगा। यहां स्मरणीय है कि बम्हौरी में 19 नवंबर 1884 को जन्मे श्री खुमान ब्या ने अपने ग्रहस्थ जीवन में वर्ष 1910 से लगातार 5 दशकों तक नैनागिरि जैन तीर्थ को अपनी सराहनीय उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की । उन्होंने क्षुल्लक क्षेमसागर की दीक्षा तथा 23 फरवरी 1956 को नैनागिरि में ही भगवान पारसनाथ की साक्षी में मुनि दीक्षा लेकर मोक्ष पथ पर प्रस्थान किया है । उन्होंने अपनी सक्रिय और प्रभावी प्रेरणा से नैनागिरि में वर्ष 1952 - 55 में पर्वत पर विशाल चौबीसी जिनालय मंदिर का निर्माण तथा पंचकल्याणक प्रतिष्ठा वर्ष 1953 तथा पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव 1957 संपन्न कराया है । यह भी उल्लेखनीय है कि संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल सान्निध्य में वर्ष 1987 में समवशरण जिनालय मंदिर की प्रतिष्ठा हेतु पंचकल्याणक व गजरथ महोत्सव सम्पन्न हुआ और वर्ष 1987 में ही 11 आर्यिका एवं 12 क्षुल्लक की एक साथ दीक्षा प्रदान की गई। इस अमृत सम्मान समारोह में वर्ष 1950 से 2025 की अवधि में नैनागिरि में दीक्षित -  साधु - परिवारों के वर्तमान प्रतिनिधियों को सम्मानित किया जाएगा।

कौन है नैनागिरि से संबद्ध प्रमुख आचार्य व साधु - साध्वी

      प्रमुख आचार्य गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी (क्षुल्लक दीक्षा 02/11/1978 तथा ऐलक दीक्षा 14/01/1980) आचार्य श्री उदार सागर जी (क्षुल्लक दीक्षा 1987) , उपाध्याय गुप्ति सागर जी (मुनि दीक्षा 20/08/1982)। प्रमुख मुनि क्षमासागर जी (मुनि दीक्षा 20 /08/1982) , निर्यापक मुनिवर श्री सुधासागर जी तथा निर्यापक मुनिवर श्री अभयसागर जी महाराज। प्रमुख आर्यिका माताएं - आर्यिका श्री गुणमति माताजी, आर्यिका श्री गुरुमति माताजी, इसके अलावा प्रमुख आचार्य गणाचार्य श्री विरागसागर जी, आचार्य श्री देवनंदि जी , आचार्य श्री दयासागर जी , आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी , आचार्य श्री सुनील सागर जी , आचार्य श्री विभव सागर जी महाराज और प्रमुख मुनिवर  गणधर श्री विवर्धन सागर जी, उपाध्यक्ष श्री विरंजन सागर जी, मुनिवर श्री निर्दोष सागर जी, मुनिवर श्री शांतिकीर्ति सागर जी इत्यादि शामिल हैं।

वेदियों की प्रतिष्ठा एवं समवशरण परिक्षेत्र परिक्रमा का होगा शुभारंभ

       10 फरवरी सोमवार को प्रातः 8 बजे पर्वत पर पारसनाथ भगवान का महा मस्तकाभिषेक , शांतिधारा 9 बजे दो मंदिरों में नवनिर्मित वेदियों की प्रतिष्ठा व प्रतिमा स्थापित की जावेगी। 11 बजे नैनागिरि समवशरण परिधि में स्थित 108 जिनालयों व तीर्थों के दर्शन एवं समवशरण परिक्रमा का शुभारंभ किया जावेगा।

करोड़ों वर्ष प्राचीन कुण्डों से होगा मस्तकाभिषेक

जैन सिद्धक्षेत्र (रेशंदीगिरि) नैनागिरि में करोड़ों वर्ष प्राचीन स्थित तीन पावन पवित्र कुण्डों के पवित्र जल से महामस्तकाभिषेक की क्रियाएं की जाएगी। (प्रथम कुण्ड) भगवान नेमीनाथ के शासनकाल में वरदत्तादि पंच ऋषिराज/मुनिवरों की सिद्धशिला के आधारतल में स्थित सिध्दकुण्ड तथा (द्वितीय कुण्ड ) सेमरा पठार व बेबस नदी के संगम पर वरदत्तादि मुनिवरों के विहार कुन्ज में स्थित पारस कुण्ड तथा (तृतीय कुण्ड)  भगवान पारसनाथ के द्वितीय भवधारी गजराज बजृघोष की स्वर्ग भूमि सेमरा पठार नदी के पावन धारा में स्थित बजृकुण्ड से शुद्ध जल लाया जाएगा।
        यहां यह भी उल्लेखनीय है कि समवशरण का स्वरूप वृत्ताकार होता है । संकेन्द्रीय वृत - सेन्ट्रल फास्ट सर्कल होता है । इसकी रचना सौधर्म इन्द्र के आदेश पर कुबेर द्वारा की जाती है । नैनागिरि के जीवंत समवशरण परिक्षेत्र में अर्हंत पार्श्व प्रभू की समुपस्थित सर्वस्त्र दिखाई देती है । नैनागिरि ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष सुरेश जैन आईएएस व मंत्री राजेश जैन रागी तथा प्रबंध समिति के अध्यक्ष डा. पूर्णचंद्र व मंत्री देवेन्द्र लुहारी ने धर्मानुरागी बन्धुओं से इस मौके पर सपरिवार पधारने की अपील करते हुए कहा कि नैनागिरि समवशरण सभी के लिए सम्यक ज्ञान प्रदान करने का समान अवसर उपलब्ध कराता है । प्रभु की शरण - सान्निध्य - सामीप्य प्रदान करता है , इसकी वंदना, परिक्रमा कर अपरिमित पुण्य संचय करें।

(रत्नेश जैन रागी )

Event Info

  • starting Date06 Feb 2025
  • Start time 08:00 AM
  • Ending Date10 Feb 2025
  • Addressजैन तीर्थ नैनागिरी, तह. बक्सवाहा, जिला छतरपुर