शोध संस्थान

वर्ष 2000 में आचार्य देवनंदी जी महाराज की प्रेरणा से देवनंदी शोध संस्थान की स्थापना की गई। वर्तमान में इस संस्थान में लगभग 7000 अति प्राचीन जैन साहित्य के ग्रंथ मौजूद हैंl यह ग्रंथ, जो भी छात्र छात्राएं जैनिज्म में पीएचडी करना चाहते हैं उनके लिए अत्यंत उपयोगी हैं। जो भी छात्र-छात्राएं यहां बैठकर जैनिज्म पर पीएचडी करते हैं उनको तीर्थ के द्वारा निशुल्क आवास एवं भोजन की सुविधा भी प्रदान की जाती है ।