40. पार्श्वनाथ चौवीसी मंदिर

पार्श्वनाथ मंदिर-भगवान पार्श्वनाथ की बादामी वर्ण की यह खड्गासन प्रतिमा 13 फीट है। इस प्रतिमा के सिर पर सर्प-फणावली नहीं है। जो पार्श्वनाथ तीर्थंकर का लांछन है। सिर के पृष्ठभाग में सुन्दर भामण्डल है तथा ऊपर छत्रत्रयी सुशोभित है। परिकर में विमान में बैठ हुए देव, चमरेन्द्र और वाद्यवादक हैंं। एक वेदी में यहाँ से मुक्त हुए मुनिराज मुनीन्द्रदत्त, इन्द्रदत्त, वरदत्त, गुणदत्त और सायरदत्त की खड्गासन श्वेत वर्ण की मूर्तियाँ विराजमान हैं। भक्तजन इस मंदिर को ‘बड़े बाबा का मंदिर’, ‘चौबीसी जिनालय’ आदि कई नामों से पुकारते हैं।