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जल मंदिर

एक विशाल सरोवर के मध्य में एक भव्य जल मंदिर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिये पुल है। सरोवर के मध्य चबूतरे पर एक पक्का कुआँ बना हुआ है। मंदिर के मूलनायक भगवान महावीर की श्वेत.....
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गजराज बज्रघोष

नैनागिरि मे स्थित अपनी तपोभूमि में भगवान पार्श्वनाथ द्वितीय भवधारी में गजराज बज्रघोष ने विभिन्न व्रतो का पालन करते हुए भीषणतम तपश्चरण किया। नैनागिरि के गहन एवं.....
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नैनागिरि तीर्थ वंदना

यहाँ 38 जिनालय पहाड़ी के ऊपर हैं और 16 जिनालय मैदान में सरोवर के निकट हैं। इस प्रकार यहाँ जिनालयों की संख्या 56 है। एक मंदिर सरोवर के मध्य में पावापुरी के समान बना हुआ है। इसे.....
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पार्श्वनाथ चौवीसी मंदिर

पार्श्वनाथ मंदिर-भगवान पार्श्वनाथ की बादामी वर्ण की यह खड्गासन प्रतिमा 13 फीट है। इस प्रतिमा के सिर पर सर्प-फणावली नहीं है। जो पार्श्वनाथ तीर्थंकर का लांछन है। सिर के.....
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समवशरण मंदिर

सरोवर एवं पहाड़ी के संगम पर 10,000 वर्ग फीट क्षेत्र में विशाल समवसरण मंदिर है। इसकी पंचकल्याणक सन् १९८७ में आयोजित किया गया था.....
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पर्वत के प्राचीन मंदिर

पर्वत पर पार्श्वनाथ मंदिर, नेमिनाथ मंदिर, चन्द्रप्रभ मंदिर, अजितनाथ मंदिर, आदिनाथ मंदिर, शांतिनाथ मंदिर, अभिनंदननाथ मंदिर है। मुनि सुव्रतनाथ के पांच प्राचीन.....
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संयम कीर्ति स्तंभ

नैनागिरि जैन तीर्थ पर पर्वत पर स्थित विशाल 31 फीट उतुंग संयम कीर्ति स्तंभ आचार्य विद्या सागर जी महाराज के स्वर्णिम दीक्षा वर्ष के उपलक्ष्य में निर्मित कराया गया है।यह रचना.....
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बाहुवली मंदिर (तलहटी)

यहां धर्मशाला के सामने मंदिरों की श्रृंखला है।इन्हे तलहटी के मंदिर के नाम से जाना जाता है।यहां पर बाहुबली भगवान की खडगासन प्रतिमा,ओम, हीं एवम् पांच मेरु विराजमान है। एक.....
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आचार्य वरदत्त की तपोभूमि और सिद्धशिला

पर्वत के पीछे सेमरा पठार एवं नदी की धारा के मध्य में ५० फुट ऊँची एक पाषाण-शिला है। कहा जाता है कि इसी शिला पर तप करते हुए वरदत्त आदि पाँच मुनिराज मुक्त हुए थे। अत: यह शिला.....
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ध्यान केंद्र

धर्मशाला परिसर में पीछे की ओर,नवीन धर्मशाला एवम् कार्यालय भवन के निकट यह ध्यान केंद्र निर्मित है।भवन की छत डोम के आकार की है। यहां पर ध्यान करने का उपयुक्त वातावरण है। यह.....
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शोध संस्थान

वर्ष 2000 में आचार्य देवनंदी जी महाराज की प्रेरणा से देवनंदी शोध संस्थान की स्थापना की गई। वर्तमान में इस संस्थान में लगभग 7000 अति प्राचीन जैन साहित्य के ग्रंथ मौजूद हैंl यह.....
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अतिथि गृह

आधुनिक सुविधा सम्पन्न 50 एवं अच्छी श्रेणी के 60 कमरे हैं। तीन धर्मशालाऐं एवं 7 हाॅल है। नव निर्मित विशाल वर्णी सभागार है। नीट & क्लीन रुम वेस्टर्न फैसेलिटी बिग साइज.....
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